Jāyasī kā kāvyaIṇḍiyana Yūnivarsiṭī Presa ke lie Himālaya Pākeṭa Buksa, 1973 - Всего страниц: 168 |
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Стр. 15
... तथा अन्तिम रचना ' जफरनामा ' है । जान कवि का अध्ययन प्रति विस्तृत था । अपने पूर्व तथा वर्तमान की प्रचलित समस्त साहित्यिक- धाराम्रों ...
... तथा अन्तिम रचना ' जफरनामा ' है । जान कवि का अध्ययन प्रति विस्तृत था । अपने पूर्व तथा वर्तमान की प्रचलित समस्त साहित्यिक- धाराम्रों ...
Стр. 78
... तथा शंवों में , शैवों तथा शाक्तों में , बौद्धों तथा कर्मकाण्डियों में भयंकर संघर्ष चलता रहता था । इसके अतिरिक्त तांत्रिक सिद्धों ...
... तथा शंवों में , शैवों तथा शाक्तों में , बौद्धों तथा कर्मकाण्डियों में भयंकर संघर्ष चलता रहता था । इसके अतिरिक्त तांत्रिक सिद्धों ...
Стр. 130
... तथा संस्कृति प्रतीकों से श्रोत - प्रोत होती हैं किन्तु इनमें अन्तर रहता है । एक देश के प्रतीक दूसरे देश के प्रतीकों से भिन्न होते ...
... तथा संस्कृति प्रतीकों से श्रोत - प्रोत होती हैं किन्तु इनमें अन्तर रहता है । एक देश के प्रतीक दूसरे देश के प्रतीकों से भिन्न होते ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अतः अधिक अन्य अपनी अपने अर्थ अल्लाह आदि इन इस प्रकार इसके इसमें इसी इस्लाम इस्लाम धर्म ईश्वर उनके उन्होंने उसकी उसके उसी उसे एक एवं कथा कबीर कर करता है करते करना करने कवि कवि ने कवियों ने कहा का प्रतीक का वर्णन काव्य काव्य में किया है की की ओर की है कुछ के कारण के लिए केवल को कोई खण्ड गया है चित्रण जब जायसी ने जीवन जो तक तथा तो था थे दिया दोनों द्वारा धर्म नहीं नहीं है नागमती नाम पद्मावत पर परमात्मा पृ० प्रतीकों प्रयोग प्रस्तुत प्रेम प्रेम का फ़ारसी ब्रह्म भारतीय भावना भाषा भी मुहम्मद में भी यथा यद्यपि यह या ये रत्नसेन राजा राम वह वही विरह वे शब्द सब समन्वय साथ साधना साहित्य सूफ़ी से सौन्दर्य स्थान हिन्दी साहित्य ही हुआ है हुई हुए हृदय है और है कि हैं हो जाता है होकर होता है होती होते होने