Kāmāyanī ke panneNavayuga Granthāgāra, 1962 - Всего страниц: 207 |
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Стр. 39
... देती है , जिसका मनु भ्रान्त अर्थ लगा बैठता है । मनु उसके बाह्य ... देता है । वह न सब बातें सुन ही सकता है और न देख ही सकता है | उसके ...
... देती है , जिसका मनु भ्रान्त अर्थ लगा बैठता है । मनु उसके बाह्य ... देता है । वह न सब बातें सुन ही सकता है और न देख ही सकता है | उसके ...
Стр. 65
... देता है : मनु मेरा नाम सुनो बाले । मैं विश्व पथिक सह रहा क्लेश । तब क्या था ? इड़ा को तो एक ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता तो थी ही जो उसके ...
... देता है : मनु मेरा नाम सुनो बाले । मैं विश्व पथिक सह रहा क्लेश । तब क्या था ? इड़ा को तो एक ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता तो थी ही जो उसके ...
Стр. 152
... देता है । संयोग ने एक दिन श्रद्धा को गर्भिणी भी बना दिया । मनु को जब यह ज्ञात होता है कि श्रद्धा अब गर्भवती है तो वह भावी पुत्र से ही ...
... देता है । संयोग ने एक दिन श्रद्धा को गर्भिणी भी बना दिया । मनु को जब यह ज्ञात होता है कि श्रद्धा अब गर्भवती है तो वह भावी पुत्र से ही ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अपना अपनी अपने अब आज आदि आनन्द इस इसी उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक कभी कर करता है करती करते करने कर्म कला कवि कवि ने का काम कामायनी काव्य किन्तु किया है किसी की की ओर कुछ के रूप के लिए केवल कोई क्या गई गया चित्र चिन्ता जब जा जाता है जाती जिस जीवन जो ज्ञान तक तथा तुम तो था थी थे दर्शन दिया देख देता देती है नहीं नारी नियति पति पर प्रकृति प्रसाद जी ने प्रेम फिर बन भाव भी भीतर मनु को महाकाव्य मानव में में ही मैं यह यही या रस रहा है रही रहे रूप रूप में ले लेकिन वर्णन वह वासना विश्व वे शिव श्रद्धा के संस्कृति सकता सत्य सब सर्ग में सा साहित्य सी सीता सुख सुन्दर सृष्टि से सौन्दर्य ही हुआ हुआ है हुई हुए हूँ हृदय है और है कि हैं हो होकर होता है