Kāmāyanī ke panneNavayuga Granthāgāra, 1962 - Всего страниц: 207 |
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Стр. 23
... लिए तथा उन घटनाओं मैं ऐक्य स्थापित करने के लिए ही की है । काव्य के अन्तिम लक्ष्य तक पहुँचने के लिए इन घटनाओं का वर्णन करना कवि के लिये ...
... लिए तथा उन घटनाओं मैं ऐक्य स्थापित करने के लिए ही की है । काव्य के अन्तिम लक्ष्य तक पहुँचने के लिए इन घटनाओं का वर्णन करना कवि के लिये ...
Стр. 24
... लिए प्रत्येक वस्तु चाहे वह स्वयं सुन्दर हो सौन्दर्य की वस्तु है ; वह असुन्दर में भी सौन्दर्य देखता है । वस्तु में सौन्दर्य की ...
... लिए प्रत्येक वस्तु चाहे वह स्वयं सुन्दर हो सौन्दर्य की वस्तु है ; वह असुन्दर में भी सौन्दर्य देखता है । वस्तु में सौन्दर्य की ...
Стр. 171
... लिए , अपने जीवन के लिए और अपने आपको बनाये रखने के लिए- यह तो है एकान्त और संकुचित कर्म किन्तु प्रथम समाज के लिए , मानवता के लिए ...
... लिए , अपने जीवन के लिए और अपने आपको बनाये रखने के लिए- यह तो है एकान्त और संकुचित कर्म किन्तु प्रथम समाज के लिए , मानवता के लिए ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अपना अपनी अपने अब आज आदि आनन्द इस इसी उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक कभी कर करता है करती करते करने कर्म कला कवि कवि ने का काम कामायनी काव्य किन्तु किया है किसी की की ओर कुछ के रूप के लिए केवल कोई क्या गई गया चित्र चिन्ता जब जा जाता है जाती जिस जीवन जो ज्ञान तक तथा तुम तो था थी थे दर्शन दिया देख देता देती है नहीं नारी नियति पति पर प्रकृति प्रसाद जी ने प्रेम फिर बन भाव भी भीतर मनु को महाकाव्य मानव में में ही मैं यह यही या रस रहा है रही रहे रूप रूप में ले लेकिन वर्णन वह वासना विश्व वे शिव श्रद्धा के संस्कृति सकता सत्य सब सर्ग में सा साहित्य सी सीता सुख सुन्दर सृष्टि से सौन्दर्य ही हुआ हुआ है हुई हुए हूँ हृदय है और है कि हैं हो होकर होता है