Hindī-kāvya meṃ niyativādaKitāba Mahala, 1964 - Всего страниц: 384 |
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Стр. 132
... की । हीन की ॥ १ यह शरणागति - भावना भी मनुष्य के पुरुषार्थ का विरोध करके नियतिवादी भाव- नाओं को पुष्ट करती है । ९ . जीव की नश्वरता भक्त ...
... की । हीन की ॥ १ यह शरणागति - भावना भी मनुष्य के पुरुषार्थ का विरोध करके नियतिवादी भाव- नाओं को पुष्ट करती है । ९ . जीव की नश्वरता भक्त ...
Стр. 276
... की वेदना उनसे भी प्रबल है । वे अपने दुख का कारण विधाता के विधान को मानती हुई तथा उसकी अटलता में विश्वास करती हुई कहती हैं : विधि अहो ...
... की वेदना उनसे भी प्रबल है । वे अपने दुख का कारण विधाता के विधान को मानती हुई तथा उसकी अटलता में विश्वास करती हुई कहती हैं : विधि अहो ...
Стр. 302
... करती है तथा सृष्टि के समस्त क्रिया व्यापार में सन्तुलन स्थापित करती है । ' आँसू ' में प्रसाद जी की नियति - भावना वेदना की वैयक्तिक ...
... करती है तथा सृष्टि के समस्त क्रिया व्यापार में सन्तुलन स्थापित करती है । ' आँसू ' में प्रसाद जी की नियति - भावना वेदना की वैयक्तिक ...
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Часто встречающиеся слова и выражения
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