Hindī-kāvya meṃ niyativādaKitāba Mahala, 1964 - Всего страниц: 384 |
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Стр. 27
... आदि उस सत्ता के अनेक नाम हैं । भारतीय विचारक उसको जन्मान्तरीय कर्म , ईश्वरेच्छा एवं अदृष्ट - विधान आदि से सम्बन्धित करते हैं तथा ...
... आदि उस सत्ता के अनेक नाम हैं । भारतीय विचारक उसको जन्मान्तरीय कर्म , ईश्वरेच्छा एवं अदृष्ट - विधान आदि से सम्बन्धित करते हैं तथा ...
Стр. 77
... आदि ग्रन्थों की कथाएँ एवं भर्तृहरि आदि नीतिकारों के उपदेश वीरगाथाकालीन लोक - मानस में अत्यन्त आदर - पूर्ण स्थान ग्रहण कर चुके थे ...
... आदि ग्रन्थों की कथाएँ एवं भर्तृहरि आदि नीतिकारों के उपदेश वीरगाथाकालीन लोक - मानस में अत्यन्त आदर - पूर्ण स्थान ग्रहण कर चुके थे ...
Стр. 346
... आदि के रूप में निर्वाह मिलता है । राम - काव्य में कथा - संघटन , चरित्र विकास , भावाभिव्यक्ति आदि के विभिन्न क्षेत्रों में नियति ...
... आदि के रूप में निर्वाह मिलता है । राम - काव्य में कथा - संघटन , चरित्र विकास , भावाभिव्यक्ति आदि के विभिन्न क्षेत्रों में नियति ...
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Часто встречающиеся слова и выражения
अतः अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आदि इस इस प्रकार ई० ईश्वर उनका उनकी उनके उन्हें उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ओर और कबीर कर करके करता है करती करते करने कर्म कर्मों कवि कहते हैं का काल काव्य में किन्तु किया है किसी की कुछ के कारण के लिए के साथ को कोई गई गति गया है छंद जब जा जाता है जाती जीव के जीवन जो तक तथा तब तो था थी थे दिया दुख नहीं नियति नियतिवाद नियतिवाद की ने पर पृष्ठ प्रभाव प्राप्त फल भवितव्यता भाग भाग्य भारत भारतीय भावना भी भोग मनुष्य में नियतिवाद यह या रहा राम रामचरितमानस वह वही वाले वि० विधाता विधि विभिन्न विश्वास वे शक्ति सकता सब समय समस्त साहित्य सीता से स्थान हम हिन्दी हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि है तथा हो होता है होती होते होने