Hindī-kāvya meṃ niyativādaKitāba Mahala, 1964 - Всего страниц: 384 |
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Стр. 158
... अब दूजा ॥ महा सिद्ध अब भए अधीरा । भूला अलख दयाल गंभीरा ॥२ भाग्य -वश ' यूसुफ़ ' बच जाता है । ' जुलेखा ' से उसके विवाह का संयोग है ...
... अब दूजा ॥ महा सिद्ध अब भए अधीरा । भूला अलख दयाल गंभीरा ॥२ भाग्य -वश ' यूसुफ़ ' बच जाता है । ' जुलेखा ' से उसके विवाह का संयोग है ...
Стр. 267
... अब हम हैं विदेशी हो रहे ॥ १ कृषि की दुर्दशा देख कर वे बार - बार दुर्भाग्य को कोसते हैं । विधाता की वाम - गति का रहस्य उनकी समझ में नहीं ...
... अब हम हैं विदेशी हो रहे ॥ १ कृषि की दुर्दशा देख कर वे बार - बार दुर्भाग्य को कोसते हैं । विधाता की वाम - गति का रहस्य उनकी समझ में नहीं ...
Стр. 340
... अब तो मानवों की आँख , सजग प्रतिपल , घड़ी , वासर , पाख । + + + ध्वंस की अब हो न शक्ति प्रचंड , सभ्यता के बृद्धि - मापक दण्ड । नाश के अब हो न ...
... अब तो मानवों की आँख , सजग प्रतिपल , घड़ी , वासर , पाख । + + + ध्वंस की अब हो न शक्ति प्रचंड , सभ्यता के बृद्धि - मापक दण्ड । नाश के अब हो न ...
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Часто встречающиеся слова и выражения
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