Khaṛī Bolī kavitā meṃ viraha-varṇanaSarasvatī Pustaka Sadana, 1964 - Всего страниц: 556 |
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Стр. 30
... हो गया है । दूती का सहयोग सभी शृंगारी कवि लेते हैं , विद्यापति ने भी लिया है । " मान " को भी आचायों ने विप्रलंभ के भीतर माना है ...
... हो गया है । दूती का सहयोग सभी शृंगारी कवि लेते हैं , विद्यापति ने भी लिया है । " मान " को भी आचायों ने विप्रलंभ के भीतर माना है ...
Стр. 94
... हो चुका है कि वह व्यास और शुकदेव की रचना नहीं है , बहुत परवर्ती रचना है जिसका निर्माण रामानुजाचार्य से कुछ ही पूर्व हुआ होगा । भागवत ...
... हो चुका है कि वह व्यास और शुकदेव की रचना नहीं है , बहुत परवर्ती रचना है जिसका निर्माण रामानुजाचार्य से कुछ ही पूर्व हुआ होगा । भागवत ...
Стр. 133
... हो जाती है । इतना स्पष्ट है कि अतीत की महानता के वियोग में वेदना का गान व्यापक अर्थों में ही विरह के अन्तर्गत आता है , सीमित अर्थों ...
... हो जाती है । इतना स्पष्ट है कि अतीत की महानता के वियोग में वेदना का गान व्यापक अर्थों में ही विरह के अन्तर्गत आता है , सीमित अर्थों ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अधिक अनेक अपनी अपने अब इत्यादि इस उनकी उनके उस उसका उसकी उसके उसे ऊर्मिला एक एवं ऐसा ऐसे और कबीर कर करता है करती करते करने कवि कविता कवियों का कालिदास काव्य काव्य में किया है किसी की की दृष्टि से कुछ कृष्ण के कारण के प्रति केवल को कोई क्या क्योंकि क्षेत्र जब जा जाता है जीवन जो तक तथा तब तुलसीदास तो था थी थे दिया नहीं है नारी ने पर प्रकट प्रकार प्रभाव प्रसाद प्राप्त प्रिय प्रेम बन बहुत भारत भाव भी महादेवी महान में भी मेघदूत मैं मैथिलीशरण यदि यह या युग रस रहता है रहा रही रहे राम रूप में वर्णन वह वात्सल्य वाले विद्यापति वियोग विरह विरह के विरह-वर्णन वे वेदना सकता है सभी सर्ग साकेत साहित्य सीता सूर स्थान स्पष्ट स्मृति हम हिंदी हिन्दी ही हुआ है हुई हुए हृदय है कि हैं हो होता है होती होते होने