Khaṛī Bolī kavitā meṃ viraha-varṇanaSarasvatī Pustaka Sadana, 1964 - Всего страниц: 556 |
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Стр. 358
... वे प्रथित पथ में पांव भी थे न देते । जी होता था व्यथित हरि का पूछते ही सन्देशा | श्रा रहे ग्राम में थे । वृक्षों में हो विपथ चल के वे ...
... वे प्रथित पथ में पांव भी थे न देते । जी होता था व्यथित हरि का पूछते ही सन्देशा | श्रा रहे ग्राम में थे । वृक्षों में हो विपथ चल के वे ...
Стр. 371
... वे उन्हें सुख प्रदान करती हैं । यही नहीं , उनका सेवा क्षेत्र मानवेतर प्राणियों तक फैला है । वे चीटिंयों को आटा , पक्षियों को वारि और ...
... वे उन्हें सुख प्रदान करती हैं । यही नहीं , उनका सेवा क्षेत्र मानवेतर प्राणियों तक फैला है । वे चीटिंयों को आटा , पक्षियों को वारि और ...
Стр. 398
... वे शायद यह नहीं जानते कि नारी के अंतःकरण में शीतलता के साथ उष्मा ... वे छिपकर गये हैं , सदय हृदय ! ” नयन उन्हें है निष्ठुर कहते , पर इनसे ...
... वे शायद यह नहीं जानते कि नारी के अंतःकरण में शीतलता के साथ उष्मा ... वे छिपकर गये हैं , सदय हृदय ! ” नयन उन्हें है निष्ठुर कहते , पर इनसे ...
Часто встречающиеся слова и выражения
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