Khaṛī Bolī kavitā meṃ viraha-varṇanaSarasvatī Pustaka Sadana, 1964 - Всего страниц: 556 |
Результаты поиска по книге
Результаты 1 – 3 из 82
Стр. 101
... थे । शाह आलम के समकालीन थे । उन पर फिदा तो सारी दिल्ली थी , सौदा तथा मीर भी आशिकों में थे , पर जानजानां मजहर का स्थान इस क्षेत्र में ...
... थे । शाह आलम के समकालीन थे । उन पर फिदा तो सारी दिल्ली थी , सौदा तथा मीर भी आशिकों में थे , पर जानजानां मजहर का स्थान इस क्षेत्र में ...
Стр. 223
Rāmaprasāda Miśra. के रूप में देख चुके थे तथा देख रहे थे , और कई बापू अपनी पत्नी को वा ' कह कर श्रानन्दित हो रहे थे । प्रश्न यह उठता है कि क्या ...
Rāmaprasāda Miśra. के रूप में देख चुके थे तथा देख रहे थे , और कई बापू अपनी पत्नी को वा ' कह कर श्रानन्दित हो रहे थे । प्रश्न यह उठता है कि क्या ...
Стр. 358
... थे , अब तो निराश और अकेले लौट रहे थे । तब यदि आशंकायें थीं , तो अब भी तो प्राशंकाओं से पूर्णतः मुक्ति नहीं मिल पायी थी । सबसे बड़ी बात ...
... थे , अब तो निराश और अकेले लौट रहे थे । तब यदि आशंकायें थीं , तो अब भी तो प्राशंकाओं से पूर्णतः मुक्ति नहीं मिल पायी थी । सबसे बड़ी बात ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अधिक अनेक अपनी अपने अब इत्यादि इस उनकी उनके उस उसका उसकी उसके उसे ऊर्मिला एक एवं ऐसा ऐसे और कबीर कर करता है करती करते करने कवि कविता कवियों का कालिदास काव्य काव्य में किया है किसी की की दृष्टि से कुछ कृष्ण के कारण के प्रति केवल को कोई क्या क्योंकि क्षेत्र जब जा जाता है जीवन जो तक तथा तब तुलसीदास तो था थी थे दिया नहीं है नारी ने पर प्रकट प्रकार प्रभाव प्रसाद प्राप्त प्रिय प्रेम बन बहुत भारत भाव भी महादेवी महान में भी मेघदूत मैं मैथिलीशरण यदि यह या युग रस रहता है रहा रही रहे राम रूप में वर्णन वह वात्सल्य वाले विद्यापति वियोग विरह विरह के विरह-वर्णन वे वेदना सकता है सभी सर्ग साकेत साहित्य सीता सूर स्थान स्पष्ट स्मृति हम हिंदी हिन्दी ही हुआ है हुई हुए हृदय है कि हैं हो होता है होती होते होने