Khaṛī Bolī kavitā meṃ viraha-varṇanaSarasvatī Pustaka Sadana, 1964 - Всего страниц: 556 |
Результаты поиска по книге
Результаты 1 – 3 из 79
Стр. 342
Rāmaprasāda Miśra. के गृहदासियों के विलाप को सुनकर शर से ग्राहत व्यक्ति से नंद , या परिस्थिति के तल में स्वयं पहुँचकर नंद बना कवि , एक बड़ा ही ...
Rāmaprasāda Miśra. के गृहदासियों के विलाप को सुनकर शर से ग्राहत व्यक्ति से नंद , या परिस्थिति के तल में स्वयं पहुँचकर नंद बना कवि , एक बड़ा ही ...
Стр. 351
... का विश्व साहित्य का एक उच्चतम व्यक्तित्व , दूसरे तत्कालीन स्वर्णयुग- दोनों मेघदूत के ग्राभ्यंतर तथा वाह्य को इतना महान बना देते ...
... का विश्व साहित्य का एक उच्चतम व्यक्तित्व , दूसरे तत्कालीन स्वर्णयुग- दोनों मेघदूत के ग्राभ्यंतर तथा वाह्य को इतना महान बना देते ...
Стр. 486
... का जो बारंबार उल्लेख करता है , वह जीवन के प्रतीत से सम्बन्धित मिलन - पर्व का सूचक है , जो साधनात्मक या सच्चे रहस्यवादियों में नहीं ...
... का जो बारंबार उल्लेख करता है , वह जीवन के प्रतीत से सम्बन्धित मिलन - पर्व का सूचक है , जो साधनात्मक या सच्चे रहस्यवादियों में नहीं ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अधिक अनेक अपनी अपने अब इत्यादि इस उनकी उनके उस उसका उसकी उसके उसे ऊर्मिला एक एवं ऐसा ऐसे और कबीर कर करता है करती करते करने कवि कविता कवियों का कालिदास काव्य काव्य में किया है किसी की की दृष्टि से कुछ कृष्ण के कारण के प्रति केवल को कोई क्या क्योंकि क्षेत्र जब जा जाता है जीवन जो तक तथा तब तुलसीदास तो था थी थे दिया नहीं है नारी ने पर प्रकट प्रकार प्रभाव प्रसाद प्राप्त प्रिय प्रेम बन बहुत भारत भाव भी महादेवी महान में भी मेघदूत मैं मैथिलीशरण यदि यह या युग रस रहता है रहा रही रहे राम रूप में वर्णन वह वात्सल्य वाले विद्यापति वियोग विरह विरह के विरह-वर्णन वे वेदना सकता है सभी सर्ग साकेत साहित्य सीता सूर स्थान स्पष्ट स्मृति हम हिंदी हिन्दी ही हुआ है हुई हुए हृदय है कि हैं हो होता है होती होते होने