Khaṛī Bolī kavitā meṃ viraha-varṇanaSarasvatī Pustaka Sadana, 1964 - Всего страниц: 556 |
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Стр. 23
Rāmaprasāda Miśra. भास के अनंतर भारतवर्ष के सर्वश्रेष्ठ महाकवि कालिदास के विरह - वर्णन सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं । कालिदास की कला क्षीर सागर ...
Rāmaprasāda Miśra. भास के अनंतर भारतवर्ष के सर्वश्रेष्ठ महाकवि कालिदास के विरह - वर्णन सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं । कालिदास की कला क्षीर सागर ...
Стр. 219
... कालिदास का विरही पक्ष विरह में एकदम नहीं डूबता । वह मेघदूत से देश की प्रकृति का सौंदर्य तो स्पष्ट करता ही चलता है , उसे रस - मय करने ...
... कालिदास का विरही पक्ष विरह में एकदम नहीं डूबता । वह मेघदूत से देश की प्रकृति का सौंदर्य तो स्पष्ट करता ही चलता है , उसे रस - मय करने ...
Стр. 351
... कालिदास के युग से ठीक उलटा है । हमारा यह अर्थ कदापि नहीं कि युग महान सृजन का मूल प्रेरक है । बाल्मीकि , व्यास , और कालिदास के साथ - साथ ...
... कालिदास के युग से ठीक उलटा है । हमारा यह अर्थ कदापि नहीं कि युग महान सृजन का मूल प्रेरक है । बाल्मीकि , व्यास , और कालिदास के साथ - साथ ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अधिक अनेक अपनी अपने अब इत्यादि इस उनकी उनके उस उसका उसकी उसके उसे ऊर्मिला एक एवं ऐसा ऐसे और कबीर कर करता है करती करते करने कवि कविता कवियों का कालिदास काव्य काव्य में किया है किसी की की दृष्टि से कुछ कृष्ण के कारण के प्रति केवल को कोई क्या क्योंकि क्षेत्र जब जा जाता है जीवन जो तक तथा तब तुलसीदास तो था थी थे दिया नहीं है नारी ने पर प्रकट प्रकार प्रभाव प्रसाद प्राप्त प्रिय प्रेम बन बहुत भारत भाव भी महादेवी महान में भी मेघदूत मैं मैथिलीशरण यदि यह या युग रस रहता है रहा रही रहे राम रूप में वर्णन वह वात्सल्य वाले विद्यापति वियोग विरह विरह के विरह-वर्णन वे वेदना सकता है सभी सर्ग साकेत साहित्य सीता सूर स्थान स्पष्ट स्मृति हम हिंदी हिन्दी ही हुआ है हुई हुए हृदय है कि हैं हो होता है होती होते होने