Jāyasī kā kāvyaIṇḍiyana Yūnivarsiṭī Presa ke lie Himālaya Pākeṭa Buksa, 1973 - Всего страниц: 168 |
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Стр. 13
... की पत्नी बनने की आज्ञा नहीं दे देते । एक श्रोर जहां कवि ने दाम्पत्यप्रेम में एकनिष्ठता की महत्ता का प्रदर्शन किया है , दूसरी ओर ...
... की पत्नी बनने की आज्ञा नहीं दे देते । एक श्रोर जहां कवि ने दाम्पत्यप्रेम में एकनिष्ठता की महत्ता का प्रदर्शन किया है , दूसरी ओर ...
Стр. 16
... की कथानों को ग्रहण कर अपने ग्रंथों का सृजन किया है । जान कवि की द्वितीय प्रमुख विशेषता यह है कि ये आशुकवि थे । इन्होंने कई ग्रंथों की ...
... की कथानों को ग्रहण कर अपने ग्रंथों का सृजन किया है । जान कवि की द्वितीय प्रमुख विशेषता यह है कि ये आशुकवि थे । इन्होंने कई ग्रंथों की ...
Стр. 131
... करते समय भारत मौर फारस दोनों ही देशों के उपमानों को प्रतीक रूप में ग्रहण किया है ; यथा - फारसी - काव्य में उरोजों की सुन्दरता को ...
... करते समय भारत मौर फारस दोनों ही देशों के उपमानों को प्रतीक रूप में ग्रहण किया है ; यथा - फारसी - काव्य में उरोजों की सुन्दरता को ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अतः अधिक अन्य अपनी अपने अर्थ अल्लाह आदि इन इस प्रकार इसके इसमें इसी इस्लाम इस्लाम धर्म ईश्वर उनके उन्होंने उसकी उसके उसी उसे एक एवं कथा कबीर कर करता है करते करना करने कवि कवि ने कवियों ने कहा का प्रतीक का वर्णन काव्य काव्य में किया है की की ओर की है कुछ के कारण के लिए केवल को कोई खण्ड गया है चित्रण जब जायसी ने जीवन जो तक तथा तो था थे दिया दोनों द्वारा धर्म नहीं नहीं है नागमती नाम पद्मावत पर परमात्मा पृ० प्रतीकों प्रयोग प्रस्तुत प्रेम प्रेम का फ़ारसी ब्रह्म भारतीय भावना भाषा भी मुहम्मद में भी यथा यद्यपि यह या ये रत्नसेन राजा राम वह वही विरह वे शब्द सब समन्वय साथ साधना साहित्य सूफ़ी से सौन्दर्य स्थान हिन्दी साहित्य ही हुआ है हुई हुए हृदय है और है कि हैं हो जाता है होकर होता है होती होते होने