Kāmāyanī ke panneNavayuga Granthāgāra, 1962 - Всего страниц: 207 |
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Стр. 39
... केवल अपनी वासना की पूर्ति के लिये स्वीकार करता है । जिस भोली - भाली श्रद्धा ने अपने अस्तित्व तक को के चरणों में लुटा दिया है । वही ...
... केवल अपनी वासना की पूर्ति के लिये स्वीकार करता है । जिस भोली - भाली श्रद्धा ने अपने अस्तित्व तक को के चरणों में लुटा दिया है । वही ...
Стр. 125
... केवल उन व्यक्तियों का जो बिना सोचे - समझे ही विदेशी संस्कृति ... केवल सब विलासिता के नद में । X X X सुख , केवल सुख का वह संग्रह छाया पथ ...
... केवल उन व्यक्तियों का जो बिना सोचे - समझे ही विदेशी संस्कृति ... केवल सब विलासिता के नद में । X X X सुख , केवल सुख का वह संग्रह छाया पथ ...
Стр. 160
... केवल सब विलासिता के नद में । X X X सुख , केवल सुख का वह संग्रह केन्द्रीभूत हुआ इतना ; छाया पथ में नव तुषार का सघन मिलन होता जितना । + + + ...
... केवल सब विलासिता के नद में । X X X सुख , केवल सुख का वह संग्रह केन्द्रीभूत हुआ इतना ; छाया पथ में नव तुषार का सघन मिलन होता जितना । + + + ...
Часто встречающиеся слова и выражения
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