Kāmāyanī ke panneNavayuga Granthāgāra, 1962 - Всего страниц: 207 |
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Стр. 13
... किया है ( चिन्ता से कर्म सर्ग वास्तविक चित्र प्रस्तुत करने पर भी प्रसाद जी है , ' कामायनी ' का यह आदर्श ' मानस ' के कम नहीं | तक की कथा ) ...
... किया है ( चिन्ता से कर्म सर्ग वास्तविक चित्र प्रस्तुत करने पर भी प्रसाद जी है , ' कामायनी ' का यह आदर्श ' मानस ' के कम नहीं | तक की कथा ) ...
Стр. 53
... करने लगता है ! पति की अनुपस्थिति में शिशु जब गोद में उछल - कूद कर कोई शैतानी करने लगता है तो नारी शिशु को उलाहना देती है , मानों वह ...
... करने लगता है ! पति की अनुपस्थिति में शिशु जब गोद में उछल - कूद कर कोई शैतानी करने लगता है तो नारी शिशु को उलाहना देती है , मानों वह ...
Стр. 70
... करने के आश्रय लिया , वह सराहनीय है , नारी मनोविज्ञान का ऐसा सुन्दर और स्वा- भाविक विश्लेषण करने वाले प्रसाद को मैं आदि कवि वाल्मीकि ...
... करने के आश्रय लिया , वह सराहनीय है , नारी मनोविज्ञान का ऐसा सुन्दर और स्वा- भाविक विश्लेषण करने वाले प्रसाद को मैं आदि कवि वाल्मीकि ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अपना अपनी अपने अब आज आदि आनन्द इस इसी उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक कभी कर करता है करती करते करने कर्म कला कवि कवि ने का काम कामायनी काव्य किन्तु किया है किसी की की ओर कुछ के रूप के लिए केवल कोई क्या गई गया चित्र चिन्ता जब जा जाता है जाती जिस जीवन जो ज्ञान तक तथा तुम तो था थी थे दर्शन दिया देख देता देती है नहीं नारी नियति पति पर प्रकृति प्रसाद जी ने प्रेम फिर बन भाव भी भीतर मनु को महाकाव्य मानव में में ही मैं यह यही या रस रहा है रही रहे रूप रूप में ले लेकिन वर्णन वह वासना विश्व वे शिव श्रद्धा के संस्कृति सकता सत्य सब सर्ग में सा साहित्य सी सीता सुख सुन्दर सृष्टि से सौन्दर्य ही हुआ हुआ है हुई हुए हूँ हृदय है और है कि हैं हो होकर होता है