Kāmāyanī ke panneNavayuga Granthāgāra, 1962 - Всего страниц: 207 |
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Стр.
... अपना नवीन दृष्टिकोण अपनाया है । इस कृति में मैंने अपना सिद्धान्त , अपनी पद्धति , अपना दृष्टिकोण और अपना मार्ग प्रशस्त किया है ...
... अपना नवीन दृष्टिकोण अपनाया है । इस कृति में मैंने अपना सिद्धान्त , अपनी पद्धति , अपना दृष्टिकोण और अपना मार्ग प्रशस्त किया है ...
Стр. 69
... अपना विराग , सोई चेतनता उठे जाग | 1 जो अपनी त्रुटियाँ और भूलों को स्वयं स्वीकार कर लेता है उससे बड़ा इस संसार में कोई नहीं , और स्वयं ...
... अपना विराग , सोई चेतनता उठे जाग | 1 जो अपनी त्रुटियाँ और भूलों को स्वयं स्वीकार कर लेता है उससे बड़ा इस संसार में कोई नहीं , और स्वयं ...
Стр. 123
... अपनी ही भारतीय संस्कृति की छाया के नीचे फिर से वे आ गये । यह अंग्रेजी शिक्षा का प्रभाव था कि कुछ समय तक भारतीय लोग अपनी आँखें बन्द ...
... अपनी ही भारतीय संस्कृति की छाया के नीचे फिर से वे आ गये । यह अंग्रेजी शिक्षा का प्रभाव था कि कुछ समय तक भारतीय लोग अपनी आँखें बन्द ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अपना अपनी अपने अब आज आदि आनन्द इस इसी उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक कभी कर करता है करती करते करने कर्म कला कवि कवि ने का काम कामायनी काव्य किन्तु किया है किसी की की ओर कुछ के रूप के लिए केवल कोई क्या गई गया चित्र चिन्ता जब जा जाता है जाती जिस जीवन जो ज्ञान तक तथा तुम तो था थी थे दर्शन दिया देख देता देती है नहीं नारी नियति पति पर प्रकृति प्रसाद जी ने प्रेम फिर बन भाव भी भीतर मनु को महाकाव्य मानव में में ही मैं यह यही या रस रहा है रही रहे रूप रूप में ले लेकिन वर्णन वह वासना विश्व वे शिव श्रद्धा के संस्कृति सकता सत्य सब सर्ग में सा साहित्य सी सीता सुख सुन्दर सृष्टि से सौन्दर्य ही हुआ हुआ है हुई हुए हूँ हृदय है और है कि हैं हो होकर होता है