Hindī-kāvya meṃ niyativādaKitāba Mahala, 1964 - Всего страниц: 384 |
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Стр. 6
... यह प्रबन्ध पाँच प्रकरणों में विभाजित है । प्रथम प्रकरण में सबसे पहले ' नियति- वाद ' के महत्व पर संक्षेप में प्रकाश डाला गया है और यह ...
... यह प्रबन्ध पाँच प्रकरणों में विभाजित है । प्रथम प्रकरण में सबसे पहले ' नियति- वाद ' के महत्व पर संक्षेप में प्रकाश डाला गया है और यह ...
Стр. 16
... यह शब्द भी नियति का ही पर्याय है । अतः ' नियतिवाद ' को हम उस व्यापक विचारधारा का बोधक कह सकते हैं , जिसकी अभिव्यक्ति भारतीय समाज और ...
... यह शब्द भी नियति का ही पर्याय है । अतः ' नियतिवाद ' को हम उस व्यापक विचारधारा का बोधक कह सकते हैं , जिसकी अभिव्यक्ति भारतीय समाज और ...
Стр. 293
Rāmagopāla Śarmā. किन्तु यह विधि का कौन विधान नियति का रे यह कैसा व्यंग ? हर्ष की बेला पल दो - चार शोक का आता पुनः प्रसंग | " कहने का आशय यह कि ...
Rāmagopāla Śarmā. किन्तु यह विधि का कौन विधान नियति का रे यह कैसा व्यंग ? हर्ष की बेला पल दो - चार शोक का आता पुनः प्रसंग | " कहने का आशय यह कि ...
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Часто встречающиеся слова и выражения
अतः अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आदि इस इस प्रकार ई० ईश्वर उनका उनकी उनके उन्हें उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ओर और कबीर कर करके करता है करती करते करने कर्म कर्मों कवि कहते हैं का काल काव्य में किन्तु किया है किसी की कुछ के कारण के लिए के साथ को कोई गई गति गया है छंद जब जा जाता है जाती जीव के जीवन जो तक तथा तब तो था थी थे दिया दुख नहीं नियति नियतिवाद नियतिवाद की ने पर पृष्ठ प्रभाव प्राप्त फल भवितव्यता भाग भाग्य भारत भारतीय भावना भी भोग मनुष्य में नियतिवाद यह या रहा राम रामचरितमानस वह वही वाले वि० विधाता विधि विभिन्न विश्वास वे शक्ति सकता सब समय समस्त साहित्य सीता से स्थान हम हिन्दी हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि है तथा हो होता है होती होते होने