Hindī-kāvya meṃ niyativādaKitāba Mahala, 1964 - Всего страниц: 384 |
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Стр. 20
... ईश्वर उनके कर्मानुसार लिखता है । अतः उसकी प्रसन्नता एवं अप्रसन्नता का भी जीव के भाग्य निर्णय पर प्रभाव पड़ता है । दूसरी कोटि के ...
... ईश्वर उनके कर्मानुसार लिखता है । अतः उसकी प्रसन्नता एवं अप्रसन्नता का भी जीव के भाग्य निर्णय पर प्रभाव पड़ता है । दूसरी कोटि के ...
Стр. 66
... ईश्वर तक जा पहुँचे हैं । जॉन काल्विन ने तो स्पष्टतः जगत् की समस्त घटनाओं का नियंत्रण - सूत्र ईश्वर को सौंप दिया है । 3 किन्तु , यह ...
... ईश्वर तक जा पहुँचे हैं । जॉन काल्विन ने तो स्पष्टतः जगत् की समस्त घटनाओं का नियंत्रण - सूत्र ईश्वर को सौंप दिया है । 3 किन्तु , यह ...
Стр. 209
... ईश्वर , नियति और जीवन के समन्वय की महान् चेष्टा निहित है । एक ओर वह जीव के जन्म - जन्मान्तर के कर्मों को महत्त्व प्रदान करता है और ...
... ईश्वर , नियति और जीवन के समन्वय की महान् चेष्टा निहित है । एक ओर वह जीव के जन्म - जन्मान्तर के कर्मों को महत्त्व प्रदान करता है और ...
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Часто встречающиеся слова и выражения
अतः अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आदि इस इस प्रकार ई० ईश्वर उनका उनकी उनके उन्हें उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ओर और कबीर कर करके करता है करती करते करने कर्म कर्मों कवि कहते हैं का काल काव्य में किन्तु किया है किसी की कुछ के कारण के लिए के साथ को कोई गई गति गया है छंद जब जा जाता है जाती जीव के जीवन जो तक तथा तब तो था थी थे दिया दुख नहीं नियति नियतिवाद नियतिवाद की ने पर पृष्ठ प्रभाव प्राप्त फल भवितव्यता भाग भाग्य भारत भारतीय भावना भी भोग मनुष्य में नियतिवाद यह या रहा राम रामचरितमानस वह वही वाले वि० विधाता विधि विभिन्न विश्वास वे शक्ति सकता सब समय समस्त साहित्य सीता से स्थान हम हिन्दी हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि है तथा हो होता है होती होते होने