Hindī-kāvya meṃ niyativādaKitāba Mahala, 1964 - Всего страниц: 384 |
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Стр. 224
... अभिव्यक्ति प्रधान है । लोक - जीवन की विशद अभिव्यक्ति को उसमें स्थान नहीं मिला । अतः उस भाव - भूमि का उसमें अभाव है , जो नियतिवाद के ...
... अभिव्यक्ति प्रधान है । लोक - जीवन की विशद अभिव्यक्ति को उसमें स्थान नहीं मिला । अतः उस भाव - भूमि का उसमें अभाव है , जो नियतिवाद के ...
Стр. 244
... अभिव्यक्ति हुई । कवि की आत्मानुभूति गौण हो गई तथा आश्रयदाताओं की मनोवृत्तियों को उसमें प्रधान स्थान मिला । लोक - जीवन का तो उससे ...
... अभिव्यक्ति हुई । कवि की आत्मानुभूति गौण हो गई तथा आश्रयदाताओं की मनोवृत्तियों को उसमें प्रधान स्थान मिला । लोक - जीवन का तो उससे ...
Стр. 331
... अभिव्यक्ति का चरम लक्ष्य है । ३. प्रगतिवादी काव्य में नियति - भावना की अभिव्यक्ति -- ' नियति ' के लिए प्रगतिवाद में कोई स्थान न होते ...
... अभिव्यक्ति का चरम लक्ष्य है । ३. प्रगतिवादी काव्य में नियति - भावना की अभिव्यक्ति -- ' नियति ' के लिए प्रगतिवाद में कोई स्थान न होते ...
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Часто встречающиеся слова и выражения
अतः अनेक अपनी अपने अभिव्यक्ति आदि इस इस प्रकार ई० ईश्वर उनका उनकी उनके उन्हें उस उसका उसकी उसके उसमें उसे एक एवं ओर और कबीर कर करके करता है करती करते करने कर्म कर्मों कवि कहते हैं का काल काव्य में किन्तु किया है किसी की कुछ के कारण के लिए के साथ को कोई गई गति गया है छंद जब जा जाता है जाती जीव के जीवन जो तक तथा तब तो था थी थे दिया दुख नहीं नियति नियतिवाद नियतिवाद की ने पर पृष्ठ प्रभाव प्राप्त फल भवितव्यता भाग भाग्य भारत भारतीय भावना भी भोग मनुष्य में नियतिवाद यह या रहा राम रामचरितमानस वह वही वाले वि० विधाता विधि विभिन्न विश्वास वे शक्ति सकता सब समय समस्त साहित्य सीता से स्थान हम हिन्दी हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि है तथा हो होता है होती होते होने