Khaṛī Bolī kavitā meṃ viraha-varṇanaSarasvatī Pustaka Sadana, 1964 - Всего страниц: 556 |
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Стр. 154
... विरह का पर्यायवाची माना जाता है । इस स्थिति में विरह - मूलक विरह शास्त्रीय शब्दार्थ की खींच - तान में भले ही फिट किया जा सके ...
... विरह का पर्यायवाची माना जाता है । इस स्थिति में विरह - मूलक विरह शास्त्रीय शब्दार्थ की खींच - तान में भले ही फिट किया जा सके ...
Стр. 155
... विरह - विरह की गंभीर अनुभूतियों के दर्शन प्रवासमूलक विरह प्रिया से वियुक्त प्रेममय हृदय प्रिय से दूर होने पर उसके मानवता का सबसे ...
... विरह - विरह की गंभीर अनुभूतियों के दर्शन प्रवासमूलक विरह प्रिया से वियुक्त प्रेममय हृदय प्रिय से दूर होने पर उसके मानवता का सबसे ...
Стр. 380
... विरह वेदना के कवि थे , और यही उसका महत्त्व भी है । X X X X हरिप्रौध - विरह - मूर्ति हरिश्रौध - बीसवीं शताब्दी के हिन्दी कवियों में बहुत ...
... विरह वेदना के कवि थे , और यही उसका महत्त्व भी है । X X X X हरिप्रौध - विरह - मूर्ति हरिश्रौध - बीसवीं शताब्दी के हिन्दी कवियों में बहुत ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अधिक अनेक अपनी अपने अब इत्यादि इस उनकी उनके उस उसका उसकी उसके उसे ऊर्मिला एक एवं ऐसा ऐसे और कबीर कर करता है करती करते करने कवि कविता कवियों का कालिदास काव्य काव्य में किया है किसी की की दृष्टि से कुछ कृष्ण के कारण के प्रति केवल को कोई क्या क्योंकि क्षेत्र जब जा जाता है जीवन जो तक तथा तब तुलसीदास तो था थी थे दिया नहीं है नारी ने पर प्रकट प्रकार प्रभाव प्रसाद प्राप्त प्रिय प्रेम बन बहुत भारत भाव भी महादेवी महान में भी मेघदूत मैं मैथिलीशरण यदि यह या युग रस रहता है रहा रही रहे राम रूप में वर्णन वह वात्सल्य वाले विद्यापति वियोग विरह विरह के विरह-वर्णन वे वेदना सकता है सभी सर्ग साकेत साहित्य सीता सूर स्थान स्पष्ट स्मृति हम हिंदी हिन्दी ही हुआ है हुई हुए हृदय है कि हैं हो होता है होती होते होने