Khaṛī Bolī kavitā meṃ viraha-varṇanaSarasvatī Pustaka Sadana, 1964 - Всего страниц: 556 |
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Стр. 214
Rāmaprasāda Miśra. 9 भविष्य का संकेत कर चुके थे , समय के साथ - साथ आगे बढ़ कर नये काव्य - युग के नेता एवं निर्माता के रूप में प्रकट हुए । प्रसाद ...
Rāmaprasāda Miśra. 9 भविष्य का संकेत कर चुके थे , समय के साथ - साथ आगे बढ़ कर नये काव्य - युग के नेता एवं निर्माता के रूप में प्रकट हुए । प्रसाद ...
Стр. 333
... साथ - साथ हरिऔध का नाम सदा श्रादरपूर्वक लिया जाता रहेगा । भविष्य यह सतत स्वीकृत करता रहेगा कि बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में गुप्त ...
... साथ - साथ हरिऔध का नाम सदा श्रादरपूर्वक लिया जाता रहेगा । भविष्य यह सतत स्वीकृत करता रहेगा कि बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में गुप्त ...
Стр. 481
... साथ - साथ | हरिऔध और मैथिलीशरण की क्षेत्र - गत व्यापकता का स्पर्श वे भले ही न कर सके हों , पर अपनी सीमा में वे उनसे अधिक कलात्मक ...
... साथ - साथ | हरिऔध और मैथिलीशरण की क्षेत्र - गत व्यापकता का स्पर्श वे भले ही न कर सके हों , पर अपनी सीमा में वे उनसे अधिक कलात्मक ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अधिक अनेक अपनी अपने अब इत्यादि इस उनकी उनके उस उसका उसकी उसके उसे ऊर्मिला एक एवं ऐसा ऐसे और कबीर कर करता है करती करते करने कवि कविता कवियों का कालिदास काव्य काव्य में किया है किसी की की दृष्टि से कुछ कृष्ण के कारण के प्रति केवल को कोई क्या क्योंकि क्षेत्र जब जा जाता है जीवन जो तक तथा तब तुलसीदास तो था थी थे दिया नहीं है नारी ने पर प्रकट प्रकार प्रभाव प्रसाद प्राप्त प्रिय प्रेम बन बहुत भारत भाव भी महादेवी महान में भी मेघदूत मैं मैथिलीशरण यदि यह या युग रस रहता है रहा रही रहे राम रूप में वर्णन वह वात्सल्य वाले विद्यापति वियोग विरह विरह के विरह-वर्णन वे वेदना सकता है सभी सर्ग साकेत साहित्य सीता सूर स्थान स्पष्ट स्मृति हम हिंदी हिन्दी ही हुआ है हुई हुए हृदय है कि हैं हो होता है होती होते होने