Khaṛī Bolī kavitā meṃ viraha-varṇanaSarasvatī Pustaka Sadana, 1964 - Всего страниц: 556 |
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Стр. 264
... उसका ध्यान दाम्पत्य - विरह अपनी कुंठा से छायावादी विरह - काव्य इतना एक स्थलों को छोड़कर ( वह भी केवल निराला में ) ( कामायनी में तो ...
... उसका ध्यान दाम्पत्य - विरह अपनी कुंठा से छायावादी विरह - काव्य इतना एक स्थलों को छोड़कर ( वह भी केवल निराला में ) ( कामायनी में तो ...
Стр. 354
... उसका मूल संस्पर्श एक ही है , भले ही उसके प्रभाव परिणाम व्यक्तित्व के अनुकूल असाधारण या साधारण निकलें । कालिदास की कथा - कल्पना को यह ...
... उसका मूल संस्पर्श एक ही है , भले ही उसके प्रभाव परिणाम व्यक्तित्व के अनुकूल असाधारण या साधारण निकलें । कालिदास की कथा - कल्पना को यह ...
Стр. 423
... उसके कवि की ऋतु - वर्णन को परंपरा पूरी करती है । यह शरद का स्वागत इसलिये कर रही है कि ऋतु परिवर्तन उसे प्रिय का आभास दे रहे हैं , उसका ...
... उसके कवि की ऋतु - वर्णन को परंपरा पूरी करती है । यह शरद का स्वागत इसलिये कर रही है कि ऋतु परिवर्तन उसे प्रिय का आभास दे रहे हैं , उसका ...
Часто встречающиеся слова и выражения
अधिक अनेक अपनी अपने अब इत्यादि इस उनकी उनके उस उसका उसकी उसके उसे ऊर्मिला एक एवं ऐसा ऐसे और कबीर कर करता है करती करते करने कवि कविता कवियों का कालिदास काव्य काव्य में किया है किसी की की दृष्टि से कुछ कृष्ण के कारण के प्रति केवल को कोई क्या क्योंकि क्षेत्र जब जा जाता है जीवन जो तक तथा तब तुलसीदास तो था थी थे दिया नहीं है नारी ने पर प्रकट प्रकार प्रभाव प्रसाद प्राप्त प्रिय प्रेम बन बहुत भारत भाव भी महादेवी महान में भी मेघदूत मैं मैथिलीशरण यदि यह या युग रस रहता है रहा रही रहे राम रूप में वर्णन वह वात्सल्य वाले विद्यापति वियोग विरह विरह के विरह-वर्णन वे वेदना सकता है सभी सर्ग साकेत साहित्य सीता सूर स्थान स्पष्ट स्मृति हम हिंदी हिन्दी ही हुआ है हुई हुए हृदय है कि हैं हो होता है होती होते होने